The smart Trick of parad shivling at home That No One is Discussing

Copper is melted during the furnace at an exceptionally superior temperature about 1050 degrees and concurrently mercury can also be melted individually. When both the metals soften down, mercury is little by little poured in the crucible of molten copper. This process of mixing The 2 metals lead to a little explosion that has a major crackling seem and thick smoke. The ultimate result of this mixture is The brand new yellowish golden metal.

शर्करा मिश्रिता तत्र यदा बुद्धिर्जडा भवेत्।

उपरोक्त कार्य सोमवार, त्रयोदशी, शिवरात्रि या श्रावण के मास में नित्य करेंगे, तो लाभ मिलेगा।

- विशेष उद्देश्यों तथा कामनाओं की प्राप्ति के लिए पार्थिव शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा की जाती है. किस प्रकार करें नर्मदेश्वर की आराधना ?

Start off the worship with a few minutes of meditation, focusing on Lord Shiva’s divine image. This allows relaxed the mind and prepare for your ritual.

But, there are also all kinds of other benefits When you have a Parad Shivalinga inside your home and worshipping it.

शिवलिंग पर संध्या के समय जल चढ़ाया जा सकता है। शाम के समय जल चढ़ाने के लिए किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है व्यक्ति अपनी श्रद्धा से शिवलिंग पर सुबह और शाम दोनों ही स

The fascinating reality about mercury is that even in by far the most good form, this metallic continues to be liquid. Therefore, when producing the Shivalinga, mercury is purified and solidified as a result of lots of exceptional processes.

गलत मंशा से किए टोने-टोटके का असर खत्म हो जाता है. अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जात है।

असली पारद शिवलिंग की पहचान करना बहुत ही सरल है। इसे यदि हथेली पे घिसा जाये तो यह काली कालिख हाथ पे नहीं छोड़ता है। देखा गया है की अगर पारद शिवलिंग असली है तो यह पानी से भीगने के बाद धूप में रख देने से शुद्ध सोने की तरह चमकने लगता।

पारद शिवलिंग के स्पर्श करने मात्र से सकारात्मक ऊर्जा का शरीर में प्रवेश होता है और पुण्यफल की प्राप्ति होती है। शिवपुराण में बताया गया है कि अन्य शिवलिंगों के अपेक्षा पारद शिवलिंग की पूजा करने से हजार गुना फल मिलता है। बताया जाता है कि पारद की उत्पत्ति भगवान शिव के अंश से हुई थी और घर में इसको रखने website पर भगवान शिव, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता का स्थायी वास होता है।

Devotees can perform abhishek of Parad Shivling a couple of times a week as per comfort as well as the in depth of abhishek technique of Parad Shivling is provided beneath

बन्ध्या वा काकबंध्या वा मृतवत्सा यांगना।

Mercury is an element from the earth’s crust. It can't be developed or wrecked. Pure mercury is usually a liquid steel, in some cases often called quicksilver that volatizes readily.

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